Kaun Banega Crorepati 12: ‘सैटबैक का जवाब कमबैक से’ टैगलाइन से शुरू हुए ‘कौन बनेगा करोड़पति‘ सीजन-12 को इस साल बहुत पसंद किया जा रहा है। कोरोना वायरस और लॉकडाउन के बीच केबीसी-12 उम्मीद की नई किरण या ऐसी स्थितियों में लोगों को प्रेरणा देने का काम कर रहा है। शो पर आ रहे सभी कंटेस्टेंट का संघर्ष भी ऐसा है कि सभी को काफी प्रेरणा मिल रही है। मंगलवार के एपिसोड़ में पटना की राज लक्ष्मी इस मुश्किल वक्त में पिता का सहारा बनकर एक उदाहरण पेश करती हैं। राज लक्ष्मी के पिता का स्टील आइटमों का छोटा सा बिजनेस है और वे केबीसी के जरिए अपने पिता की मदद करने के फैसले के साथ हॉट सीट तक पहुंची थी।
दरअसल, Kaun Banega Crorepati 12 के मंगलवार, 13 अक्टूबर के एपिसोड की शुरुआत मेजबान अमिताभ बच्चन ने fastest finger खेलते हुए की। पटना के राज लक्ष्मी ने राउंड जीता और सवाल का सही जवाब देने के बाद हॉट सीट पर अभिनेता से जुड़ीं। उन्होंने बहुत कम समय में अपनी सभी लाइफलाइन इस्तेमाल कर दी थीं, ऐसे में हर मुश्किल सवाल का जवाब उन्हें बिना किसी की मदद के देना था। वे एक के बाद एक पड़ाव करती गई और 12वें सवाल का जवाब देकर 12 लाख 50 हजार रुपये अपने नाम किए। लेकिन 25 लाख रुपये के लिए पूछे गए सवाल के जवाब में वे कॉन्फिडेंट नहीं थीं। जिस वजह से उन्होंने शो क्वीट करना ही सही समझा।
25 लाख रुपये के लिए पूछा गया सवाल: राज लक्ष्मी से 25 लाख रुपये की इनाम राशि के लिए पूछा गया कि, ‘इनमे से किस राजनेता को गांधीजी ने ‘अजातशत्रु’ कहा था, जिसका अर्थ होता है ‘जिसका कोई दुश्मन न हो’? ऑप्शन में- मौलाना अब्दुल कलाम आजाद, लाल बहादुर शास्त्री, सी राजगोपालाचारी और डॉ. राजेन्द्र प्रसाद। इसी ट्रिकी सवाल में राज लक्ष्मी कनफ्यूज हुईं, उन्हें सी राजगोपालाचारी सही जवाब लग रहा था लेकिन वह पूरी तरह श्योर नहीं थीं। लिहाजा उन्होंने 12 लाख 50 हजार रुपये से संतुष्ट होकर वापस जाना सही समझा। इस सवाल का सही जवाब डॉ. राजेन्द्र प्रसाद था। गांधी जी उन्हें ही अजातशत्रु कहा करते थे क्योंकि वे हमेशा जमीन से जुड़े नेता थे।
बता दें कि, शो के दौरान राज लक्ष्मी ने स्क्रीन पर बताया कि कैसे 2016 में उनके परिवार ने वित्तीय संकट का सामना किया जब उनके चाचाओं ने उनसे अलग होने का फैसला किया। उसके चाचा भी सभी दस्तावेजों को अपने साथ ले गए, जिसमें कोई पैसा नहीं था। राज लक्ष्मी ने अपने जमा पैसे का इस्तेमाल किया और अपने पूरे 60,000 रुपये अपने पिता को सौंप दिए, जिन्होंने एक छोटा सा व्यवसाय शुरू किया।
राज लक्ष्मी फिलहाल प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रही हैं और अपने पिता के स्टील आइटमों के बिजनेस में मदद कर रही हैं। KBC की मदद से, वह अपने पिता के छोटे से बिजनेस में सहायता करके उसे आगे बढ़ाना चाहती हैं। राज लक्ष्मी ने बिहार के बोद्यगया में मगध विश्वविद्यालय से B.Com. किया है। उन्होंने तीन बार प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोशिश की है और वे मानती हैं कि इस बार अपनी IBPS (इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सेलेक्शन) एग्जाम पास कर सकती हैं। उनका सपना है कि वे एक बैंक में प्रोबेशनरी ऑफिसर के पद पर काम करें।
Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, लिंक्डइन, टेलीग्राम पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App। में रुचि है तो
सबसे ज्यादा पढ़ी गई
Source link