कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन का दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ा रहे गेस्ट टीचरों पर बड़े पैमाने पर प्रभाव पड़ा है। इन शिक्षकों से कहा गया कि है कि छात्रों की स्कूलों में पढ़ाई ना होने के चलते उनकी जरुरत नहीं है। आर्ट, म्यूजिक,फिजिकल एजुकेशन और होम साइंस पढ़ा रहे इन शिक्षकों को मई से दिल्ली के बहुत से सरकारी स्कूलों में नियुक्ति नहीं मिली है।
आठ मई तक दिल्ली के सरकारी स्कूलों में सेवाएं दे रहे 20 हजार गेस्ट टीचरों की सेवाएं लेना लगभग बंद की जा चुकी है। स्कूलों में पढ़ा रहे इन शिक्षकों को प्रतिदिन के हिसा से वेतन का भुगतान किया जाता था। जुलाई में दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा था कि ऑनलाइन कक्षा योजना के तहत ऐसे शिक्षक फिर से पढ़ा सकेंगे। 13 जुलाई को दिल्ली शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों के प्रमुखों से कहा कि ऑनलाइन शिक्षा गतिविधि के लिए जहां भी जरुरी हो गेस्ट टीचर या अनुबंध के आधार पर शिक्षकों को इसमें शामिल करें।
हालांकि लाइब्रेरियन या आर्ट, म्यूजिक, पीई, होम साइंस या अन्य कुछ भाषाई शिक्षकों ने पाया कि उनकी भूमिकाएं सूख सी गई हैं। बहुत से शिक्षकों को कहा गया कि उन्हें दोबारा शामिल नहीं किया जा सकता क्योंकि अब उनकी जरुरत नहीं है।
गर्ल्स स्कूल में एक म्यूजिक टीचर ने बताया, ‘हम विविध श्रेणी के शिक्षक हैं और जो कहा जा रहा है वो ये हैं कि जो किसी भी तरह की ऑनलाइन क्लास में भाग नहीं ले रहे हैं उन्हें बुलाया नहीं जाएगा। मेरे अलावा, स्कूल में होम साइंस और ड्राइंग गेस्ट टीचर को नहीं बुलाया गया है। विषयों को पढ़ाने वाले अन्य गेस्ट टीचरों को बुलाया गया है। हमें प्रिंसिपल ने बताया कि हमें से जुड़ने के लिए विशेष आदेश की जरुरत होगी।’
इसी तरह पूर्वी दिल्ली में एक उर्दू माध्यम के स्कूल में आधे अतिथि शिक्षक पढ़ा रहे हैं। यहां फिजिकल एजुकेशन के एक शिक्ष ने बताया कि हमारे स्कूल में 31 गेस्ट टीचर हैं। दो फिजिकल एजुकेशन के हैं और लाइब्रेरियन और करीब 10 उर्दू के शिक्षक हैं जो अभी तक जुड़े नहीं हैं। हमें अभी तक स्पष्टता से नहीं बताया गया है कि हम दोबारा कब पढ़ा सकेंगे।
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