Deloitte Touche Tohmatsu India द्वारा किए गए इंक्रिमेंट्स ट्रेंड्स सर्वे 2020 (Workforce and Increments Trends Survey 2020) के मुताबिक, इस वर्ष भारत में सैलरी हाइक मात्र 3.6 प्रतिशत हुआ है जो कि पिछले साल 2019 के 8.6 प्रतिशत से काफी कम है। रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि वर्ष 2020 में केवल 40% भारतीय कंपनियों ने ही अपने एम्‍प्‍लॉयज़ की सैलरी हाइक की है। सर्वे के अनुसार, सर्वे में शामिल केवल 40% कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को इंनक्रीमेंट दिया है, जबकि 33% ने इस साल अभी तक सैलरी में कोई बढ़ोतरी नहीं दी है। 2020 में वेतन वृद्धि बीते पूरे दशक में सबसे कम है।

2020 में जिन एम्‍प्‍लॉयज़ को इनक्रीमेंट मिला है, उनमें दी गई औसत वेतन वृद्धि लगभग 7.5% थी, जबकि सर्वे में शामिल 10% से कम कंपनियों ने महामारी प्रभावित वर्ष में 10% से अधिक की बढ़ोतरी दी थी और मार्च के बाद से ऐसी कंपनियों के अनुपात में भारी गिरावट आई है। सर्वे में कहा गया है कि इनक्रीमेंट का समय और COVID-19 महामारी का प्रभाव इस वर्ष इनक्रीमेंट न हो पाने के महत्वपूर्ण कारक थे। जिन कंपनियों ने मार्च 2020 में लॉकडाउन से पहले वेतन वृद्धि का फैसला किया था, उन्होंने दूसरों की तुलना में अपने एम्‍प्‍लॉयज़ को ज्‍यादा हाइक दिया।

2020 में, किसी भी सेक्टर में डबल-डिजिट सैलरी हाइक नहीं हुआ है और सैलरी में मिला हाइक इम्‍प्‍लॉयज़ के 6 महीने पहले के अनुमान से बेहद कम भी रहा। औसतन, लाइफ साइंसेज़ के फर्मों ने सबसे अधिक वेतन वृद्धि की है जबकि मैनुफैक्‍चरिंग और सर्विस सेक्‍टर्स में सबसे खराब स्थिति रही। इनक्रीमेंट के समय मेटल एंड माइनिंग, हॉस्पिटैलिटी, रिटेल सेक्‍टर, रियल एस्टेट और ऑटो सेक्‍टर विशेष रूप से खराब रहे।

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