कोरोना वायरस के चलते लगाए लॉकडाउन की वजह से छात्रों की पढ़ाई बुरी तरह से प्रभावित हुई है। छात्रों को परेशानी से बाहर निकालने के लिए दिल्ली यूनिवर्सिटी ने अपनी तरह से कई कदम उठा रहा है।

इस क्रम में यूनिवर्सिटी पीएचडी छात्रों के लिए लॉकडाउन के बाद सबसे पहले चरणबद्ध तरीके से रिसर्च लैब खोलने जा रही है। ऐसे में जब पीएचडी छात्र लॉकडाउन के बाद यूनिवर्सिटी में लौटेंगे तो उनके लिए यह लैब काफी मददगार साबित होगी। इस संबंध में डीयू प्रॉक्टर नीता सहगल ने एक नोटिस के हवाले से बताया कि पीएचजी में रजिस्टर्ड स्टूडेंट्स अपने संबंधित सुपरवाइजर से सर्टिफिकेट हासिल रिसर्च लैब में शामिल हो सकते हैं।

बाद में इस संबंध में विभाग के प्रमुख या केंद्र के निदेशक की तरफ से भी सहमति हासिल करनी होगी। इसके अनुसार, रिसर्च लैबोरेट्री में किसी भी समय छात्रों की कुल संख्या दो या तीन से अधिक नहीं होनी चाहिए। अन्य सामान्य सुरक्षा सावधानियों के बारे में उन्हें सलाह दी गई है कि वे “शैक्षिक क्षेत्र में प्रवेश करते समय और अपने संबंधित रिसर्च लैबोरेट्री में काम करते समय सोशल डिस्टेंसिंग, फेस मास्क, हाइजीन आदि का ध्यान रखना होगा।

इस हफ्ते की शुरुआत में, विश्वविद्यालय ने हॉस्टल में रहने वाले पीएचडी स्टूडेंट्स को चरणबद्ध तरीके से हॉस्टल वापसी के लिए एक नोटिस भी जारी किया था। इसकी शुरुआत पीएचडी के सीनियर छात्रों से की गई थी। लौटने वाले छात्रों को अपने हॉस्टल के कमरों में 14-दिन के अनिवार्य क्वारंटीन रहने की बात कही गई थी।

इसके बाद विश्वविद्यालय के हेल्थ सेंटर की तरफ से जांच की जाएगी। दरअसल विश्वविद्यालय चाहता है कि कोरोना वायरस की वजह से छात्रों की पढ़ाई का किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचे। इसके लिए यूनिवर्सिटी प्रशासन की तरफ से हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं।

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