कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन के चलते देशभर में लाखों-करोड़ों की तादाद में नौकरियाों में कमी आई है। भारतीय अर्थव्यवस्था निगरानी केंद्र (सीएमआईई) ने भी अपनी हालिया रिपोर्ट में बताया कि देश कोविड-19 और लॉकडाउन में नौकरीपेशा लोगों पर सबसे बुरी मार पड़ी और अप्रैल से जुलाई के बीच 2.67 करोड़ लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा। इस बीच रविवार (23 अगस्त, 2020) को सोशल मीडिया में #मोदीजी_जॉब_दो तेजी से ट्रेंड हुआ और लोगों ने प्रधानमंत्री से उन्हें रोजगार देने के लिए तत्काल कदम उठाने की अपील की।
ट्विटर यूजर महेश शिमर @Mahesh78887124 लिखते हैं, ‘हमारी गलती क्या है? हमें सजा क्यों दी जा रही है? हमें लंबे समय से हरियाणा स्टाफ सलेक्शन कमिशन (HSSC) द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है। इतना ट्विटर ट्रेंड कराया मगर HSSC सिर्फ क्लर्क उम्मीदवारों की अनदेखी कर रहा है।’ नसीम @naeemshafique_ लिखते हैं, ‘भारत नौकरी चाहता है।’ जय भीम @DrRathor13579 लिखते हैं, ‘हमें रोजगार चाहिए, जुमला नहीं।’ पीएन पाण्डे @Im_PNPANDEY लिखते हैं, ‘आपने इतने रोजगार नहीं दिए, उससे ज्यादा छीन लिए हैं।’
इसी तरह नीरज चौधरी @NirajCh60767880 लिखते हैं, ‘मुंबई सेंट्रल रेलवे मकैनिकल में तीन साल हो गए मगर अभी तक ज्वाइनिंग नहीं हुई है। सेंट्रल रेलवे और मुंबई डिविजन से हमारी मांग है कि नौकरी दी जाए।’ मनजेश @manjeshmanan लिखते हैं, ‘जब आप देश के प्रधानमंत्री चुने गए आपने देश को बर्बाद कर दिया। आपकी सरकार में सबकुछ आत्मनिर्भर हो गया।’ आदिवासी @VanrajTabiyad नाम से ट्विटर यूजर लिखते हैं, ‘मोदी जी क्या हमें नारे लगाने चाहिए। ये नारे हमारे परिवार को भोजन नहीं खिलाते। युवाओं को रोजगार देंगे तभी देश तरक्की करेगा।’
उल्लेखनीय है कि सीएमआईई ने एक रिपोर्ट में दावा किया कि अप्रैल में 1.77 करोड़ वेतनभोगियों की नौकरियां चली गईं। इसके बाद मई में एक लाख लोगों की नौकरी गई। इसी तरह जून में 39 लाख लोगों की नौकरियां गईं और जुलाई में एक बार फिर पचास लाख लोगों को नौकरियों से हाथ धोना पड़ा।
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