सरकारी नौकरी के लिए अब सिर्फ एक परीक्षा देनी होगी।सीईटी के जरिए अब कई तरह के टेस्ट की जरूरत नहीं होगी जिससे अभ्यर्थियों का समय और संसाधन बचेगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को साझा पात्रता परीक्षा आयोजित करने के लिये राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने यह जानकारी दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय किया गया।

बैठक के बाद सूचना एव प्रसारण मंत्री जावड़ेकर ने कहा कि ‘‘युवाओं को फिलहाल नौकरी के लिये कई अलग-अलग परीक्षाएं देनी पड़ती हैं। ऐसी परीक्षाओं के लिये अभी लगभग 20 भर्ती एजेंसियां हैं और परीक्षा देने के लिए अभ्यर्थियों को दूसरे स्थानों पर भी जाना पड़ता है।’’उन्होंने कहा कि इस संबंध में परेशानियां दूर करने की मांग काफी समय से की जा रही थी। इसे देखते हुए मंत्रिमंडल ने साझा पात्रता परीक्षा लेने के लिये ‘राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी’ के गठन का निर्णय किया गया है।

वहीं, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए) की स्थापना के केन्द्रीय मंत्रिमंडल के फैसले को ऐतिहासिक, दूरदर्शी और क्रांतिकारी सुधार बताया और कहा कि यह सरकारी नौकरियों के लिये उम्मीदवारों के चयन के लिये साल में दो बार आनलाइन सामान्य पात्रता परीक्षा आयोजित करेगा । मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि कई भर्ती परीक्षाएं अभ्यर्थियों और भर्ती एजेंसियों पर बोझ डालती हैं। इससे सुरक्षा, कानून व्यवस्था और स्थान संबंधी परेशानियां भी जुड़ी होती हैं । उन्होंने कहा कि औसतन, इन परीक्षाओं में अलग से 2.5 करोड़ से 3 करोड़ उम्मीदवार शामिल होते हैं। अब ये उम्मीदवार कई परीक्षा देने की बजाए एक परीक्षा देंगे ।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को बहु एजेंसी निकाय के रूप में राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए) का गठन करने का निर्णय किया जो समूह ख और ग (गैर-तकनीकी) पदों के लिए उम्‍मीदवारों की स्‍क्रीनिंग करने के लिए सामान्य योग्यता परीक्षा (सीईटी) आयोजित करेगी । सरकारी बयान के अनुसार, एनआरए एक बहु-एजेंसी निकाय होगी जिसकी शासी निकाय में रेलवे मंत्रालय, वित्त मंत्रालय/वित्तीय सेवा विभाग, कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी), रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) तथा बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (आईबीपीएस) के प्रतिनिधि शामिल होंगे। एक विशेषज्ञ निकाय के रूप में एनआरए केन्द्र सरकार की भर्ती के क्षेत्र में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी और सर्वोत्तम प्रक्रियाओं का पालन करेगी।

सिंह ने यह उम्मीद जाहिर की कि निकट भविष्य में निजी क्षेत्र भी एनआरए से जुड़ेगा। उन्होंने कहा कि एनआरए में रेल मंत्रालय, वित्त मंत्रालय/ वित्तीय सेवा विभाग, एसएससी, आरआरबी और आईबीपीएस के प्रतिनिधि होंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हिंदी और अंग्रेजी के अलावा 12 भाषाओं में परीक्षाओं का आयोजन किया जाएगा । इन्हें संविधान की 8वीं अनुसूची में उल्लिखित सभी भाषाओं में आयोजित कराने के प्रयास किए जाएंगे।

एनआरए क्या है? वर्तमान में, सरकारी नौकरी के इच्छुक उम्‍मीदवारों को पात्रता की समान शर्तों वाले विभिन्‍न पदों के लिए अलग-अलग भर्ती एजेंसियों द्वारा संचालित की जाने वाली भिन्न-भिन्न परीक्षाओं में सम्मिलित होना पड़ता है। उम्‍मीदवारों को भिन्‍न-भिन्‍न भर्ती एजेंसियों को शुल्‍क का भुगतान करना पड़ता है और इन परीक्षाओं में भाग लेने के लिए लंबी दूरियां तय करनी पड़ती है। इन अलग-अलग भर्ती परीक्षाओं से उम्‍मीदवारों के साथ-साथ संबंधित भर्ती एजेंसियों पर भी बोझ पड़ता हैं। इसमें बार-बार होने वाले खर्च, कानून और व्यवस्था/सुरक्षा संबंधी मुद्दे और परीक्षा केन्द्रों संबंधी समस्याएं शामिल हैं।

(भाषा इनपुट्स के साथ)

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