New Education Policy 2020: देश में तीन दशक के लंबे इंतजार के बाद नई शिक्षा नीति लागू हो रही है। इससे देश की शिक्षा व्यवस्था में कई बुनियादी बदलाव होंगे जिनका उद्देश्य शिक्षा को सभी के लिए सरल और सुलभ बनाना होगा। नई नीति के तहत राज्य स्कूल मानक प्राधिकरण में अब प्राइवेट और सरकारी स्कूल दोनो ही शामिल होंगे तथा दोनो के लिए समान नियम तैयार किए जाएंगे। इससे यह स्पष्ट होता है कि प्राइवेट स्कूल अब अभिभावकों से मोटी फीस नहीं वसूल पाएंगे। एक समान नियमों के चलते प्राइवेट स्कूलों की अन्य मनमानियों पर भी लगाम लगेगी।
नई शिक्षा नीति के तहत 2030 तक देश के 100 प्रतिशत बच्चों को स्कूली शिक्षा में नामांकन कराने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए पहले से सफल और लोकप्रिय मिड-डे मील योजना में और बदलाव किए जाएंगे। स्कूलों में अब छात्रों को दोपहर के भोजन के साथ ही साथ सुबह का नाश्ता भी दिया जाएगा। बच्चों को उनकी शारिरिक जांच के आधार पर हेल्थ कार्ड भी दिए जाएंगे।
स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता की भी हर 5 वर्षों में समीक्षा की जाएगी। नई नीति के तहत अब 2022 के बाद से शिक्षकों की भर्ती सिर्फ नियमित होगी और पैरा टीचर्स नहीं रखे जाएंगे। केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय अब छात्रों के पाठ्यक्रम का बोझ कम करने और बोर्ड परीक्षाओं के दबाव को कम करने की दिशा में नए नियम बनाएगा। ‘परख’ नाम की एक संस्था बनाई जाएगी जो देशभर के बोर्ड के लिए दिशानिर्देश जारी करेगी।
छात्रों को अब ऑनलाइन एजुकेशन की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया जाएगा। छात्रों तक ऑनलाइन एजुकेशन से जुड़े साधनों की पहुंच सुनिश्चित की जाएगी। इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि संसाधनों की कमी की वजह से किसी भी छात्र की पढ़ाई छूटनी यह अधूरी नहीं रहनी चाहिए।
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