दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर कोरोनावायरस प्रकोप के चलते शेष सीबीएसई परीक्षाओं को रद्द करने की मांग की है। उन्होंने बुधवार, 17 जून 2020 को मानव संसाधन विकास मंत्री (HRD) रमेश पोखरियाल `निशंक’ को लिखे पत्र में कहा कि कोरोनावायरस प्रकोप के चलते शेष सीबीएसई परीक्षाओं को आयोजित करना बहुत मुश्किल होगा। साथ ही, स्कूल आधारित आंतरिक मूल्यांकन का उपयोग करके सीबीएसई के परिणाम घोषित करने का सुझाव दिया है, जिसमें प्रोजेक्ट वर्क, पीरियोडिक टेस्ट और टर्म एग्जाम को शामिल किया जा सकता है।
उन्होंने लिखा, ‘मुझे आशा है कि आप मेरे साथ सहमत होंगे कि बोर्ड परीक्षा, विशेष रूप से कक्षा 12वीं के बच्चों के लिए उच्च स्तर की परीक्षा है। इसलिए, उन्हें इस परीक्षा में इतनी अनिश्चितता और चिंता की स्थिति में ले जाना उनके लिए उचित नहीं होगा।’ हालांकि यह दूसरी बार है जब दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और राज्य के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने जुलाई में होने वाली सीबीएसई की बोर्ड परीक्षाओं को स्थगित करने का सुझाव दिया है। इससे पहले, 28 अप्रैल को HRD मिनिस्टर ‘निशंक’ के साथ वीडियो कॉनफ्रेंस के दौरान भी उन्होंने इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखा था।
दरअसल, भारत में कोरोनावायरस महामारी से संक्रमितों के आंकड़े अब तेजी से सामने आ रहे हैं और अधिक मामलों की सूची में दिल्ली तीसरे नंबर पर है। मनीष सिसोदिया ने पत्र में भी मौजूदा हालात पर बात करते हुए लिखा कि, जून 16 तक ये संख्या 44688 हो गई है जबकि 31 जुलाई तक ये केस 5.5 लाख होने की आशंका है। ऐसी स्थिति में अगर कोई छात्र या उसके परिवार का कोई सदस्य कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है तो उसे एग्जाम छोड़ना पड़ेगा। दूसरी बात, दिल्ली में 242 कंटेनमेंट जोन हैं, जो आगे और बढ़ सकते हैं। ऐसे में सीबीएसई के मौजूदा प्लान के मुताबिक, कंटेनमेंट जोन के स्कूलों को एग्जाम सेंटर नहीं होंगे, लेकिन इस बात पर स्पष्टता नहीं है कि इन जोन से आने वाले बच्चे कैसे एग्जाम देने आ पाएंगे।
In his letter Dy CM requests HRD Minister to ‘declare that the exam in 29 subjects proposed to be conducted in July won’t be conducted at all. For results in these subjects,CBSE may rely upon previous school-based internal assessments which includes periodic tests, term exam etc’ https://t.co/6g6CJTAXVc
— ANI (@ANI) June 17, 2020
उन्होंने कुल चार कारण बताते हुए पत्र में लिखा कि, ‘ऐसी स्थिति में 1 जुलाई से 15 जुलाई से बीच सभी बच्चों के लिए एग्जाम कर पाना बहुत ही मुश्किल है। इसलिए मैं आपसे एक बार फिर निवेदन करता हूं कि इस मामले पर अनिश्चितता खत्म करके 29 विषयों की शेष बची परीक्षाएं जुलाई में न करवाएं।’
बता दें कि, हाल ही में 12वीं के कुछ छात्रों के अभिभावकों ने भी सीबीएसई बोर्ड परीक्षा रद्द कराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली थी। SC ने अब बोर्ड से 10वीं और 12वीं क्लास की बची हुई परीक्षाएं कराने को लेकर 23 जून तक जवाब मांगा गया है। निर्देश में कहा गया है कि सीबीएसई मामले पर विचार करे और परीक्षा स्थगित करने को लेकर मंगलवार तक फैसला करे।
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