UP 69000 Teacher Recruitment 2018 News Updates 2020: उत्तर प्रदेश 69000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले में बुधवार, 06 मई 2020 को लखनऊ बेंच की इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट का फैसला उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के पक्ष में गया है। सहायक शिक्षक भर्ती में कट-ऑफ को लेकर चल रहे मामले को विराम देते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार के फैसले को सही ठहराया है। जिसके मुताबिक, यूपी में असिस्टेंट टीचरों की भर्ती जनरल कैटेगरी के लिए 65 प्रतिशत और रिजवर्ड कैटेगरी के लिए 60 प्रतिशत कट-ऑफ के आधार पर किया जाएगा। इस फैसले के बाद, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्च न्यायलय के फैसले का स्वागत करते हुए ताजा कट-ऑफ नियम के आधार पर भविष्य में भर्ती होने वाले अभ्यार्थियों को शुभकामनाएं दी हैं।

योगी आदित्यानाथ ने इलाहाबाद उच्च न्यायलय में लंबे समय से चल रहे फैसले के बाद, अभ्यर्थियों को शुभकामनाएं देते हुए अभिनन्दन किया है। यूपी सरकार के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट CM Office, GoUP द्वारा ट्वीट किया गया कि, ‘CM श्री @myogiadityanath जी ने बेसिक शिक्षा के 69,000 शिक्षकों की भर्ती के मामले में मा. उच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने सभी सफल अभ्यर्थियों को आने वाले समय में प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में योगदान देने हेतु अपनी शुभकामनाएं देते हुए उनका अभिनन्दन किया है।’

अभिनन्दन किया है।’


नौकरी चाहिए तो 150 में से लाने होंगे 90/97 अंक: न्यायमूर्ति पंकज कुमार जायसवाल और न्यायमूर्ति करुणेश सिंह पवार की खंडपीठ ने सरकार द्वारा तय किए गए मानकों 90/97 पर मुहर लगा दी। यानी आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को 150 में से 90 और सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को 150 में से 97 अंक लाने होंगे। इलाहाबाद कोर्ट ने राज्य सरकार को 3 महीने के अंदर भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिया है।

UP 69000 Teacher Recruitment 2018 का मामला क्या था?: यूपी सरकार ने 05 दिसंबर 2018 को 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती का नोटिफिकेशन जारी किया था। 6 से 20 दिसंबर 2018 तक करीब 4,31,466 अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन आवेदन किया। 6 जनवरी 2019 को, राज्य के 800 परीक्षा केंद्रों पर लिखित परीक्षा हुई जिसमें 4,10,440 परीक्षार्थी शामिल हुए थे। यहां तक मामला आम था लेकिन राज्य सरकार ने नोटिफिकेशन में श्रैणी आधारिक कट-ऑफ बाद में जारी करने का वादा किया। इस कड़ी से 2018 की भर्ती दो साल खिचकर 2020 में पहुंच गई। जानकारी के मुताबिक, परीक्षा के बाद राज्य सरकार ने कटऑफ पिछली बार से 20-20 प्रतिशत बढ़ा दी। जो सामान्य वर्ग के लिए कटऑफ 45 से 65 प्रतिशत और आरक्षित वर्ग के लिए 40 से बढ़ाकर कटऑफ 60 प्रतिशत तय कर दी। जिससे अभ्यार्थियों और राज्य सरकार में ठनी और मामला कोर्ट तक पहुंच गया। राज्य सरकार ने इसे बेहतर शिक्षक चुने जाने के लिए जरूरी कदम बताया है।

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