राजस्थान सरकार ने गुरुवार को राज्य में कोरोनॉयरस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर स्कूलों को अगले तीन महीने तक अभिभावकों से कोई शुल्क न लेने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही स्कूलों को कक्षा 10 और 12 के छात्रों को छोड़कर अन्य सभी कक्षा के छात्रों को बगैर रिजल्ट के अगले क्लास में प्रमोट करने का निर्देश दिया है।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों और राज्य मंत्रियों भंवर सिंह भाटी, गोविंद सिंह डोटासरा और सुभाष गर्ग के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में यह निर्णय लिया। विज्ञप्ति में कहा गया है कि स्कूल 15 मार्च से लंबित किसी भी राशि की वसूली को निलंबित कर देंगे और अगले तीन महीनों के लिए कोई वर्तमान या अग्रिम शुल्क नहीं लेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा की निरंतरता के लिए स्कूलों और कॉलेजों द्वारा ऑनलाइन कक्षाओं और ई-लर्निंग की व्यवस्था जारी की जानी चाहिए। ऑनलाइन क्लासेज़ के माध्यम से छात्रों के हो रहे पढ़ाई के नुकसान को रोका जा सकेगा। उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि विश्वविद्यालयों के लिए परीक्षा कार्यक्रम तय करने के लिए पांच सदस्यीय समिति बनाई गई है।
मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि स्कूल की किताबें ऑनलाइन उपलब्ध करा दी गई हैं जबकि गर्ग ने मुख्यमंत्री को बताया कि तकनीकी संस्थानों में मिड सेमेस्टर की परीक्षाएं ऑनलाइन आयोजित की गई हैं और छात्रों को ई-सामग्री प्रदान करने के लिए एक यूट्यूब चैनल शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि चैनल पर 600 से अधिक लेक्चर अपलोड किए गए हैं।
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