भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) रोपड़ ने एक ट्रंक के आकार का एक उपकरण विकसित किया है जो पराबैंगनी कीटाणुनाशक विकिरण (Ultraviolet radiation) तकनीक से लैस है। एक्‍सपर्ट का कहना है कि इसे आप घर के दरवाजे पर रखें और किराने का या घरेलू सामान और करंसी नोटों सहित बाहर से लाई गई सभी वस्तुओं को इसमें डाल दें ताकि ये उन्हें सेनिटाइज़ कर सके। यह ट्रंक COVID-19 के खिलाफ लड़ाई में बेहद मददगार साबित हो सकता है।

IIT रोपड़ की टीम के अनुसार, यह ट्रंक 500 रुपये से भी कम में उपलब्ध हो सकता है। डिवाइस को किसी भी आइटम को साफ/सेनिटाइज़ करने में 30 मिनट का समय लगेगा और आइटमों को बाहर निकालने से पहले 10 मिनट का कूलिंग टाइम भी दिया जाना होगा।

IIT रोपड़ के सीनियर साइंटिफिक ऑफिसर नरेश रेखा ने कहा, “कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई, केवल सामाजिक दूरी बनाने से समाप्त नहीं होगी । आने वाले दिनों और हफ्तों में, हर संभव तकनीक के साथ सतर्क रहना बेहद महत्वपूर्ण होगा। हमने एक उपकरण विकसित किया है जो हमारे घर में किसी भी ट्रंक की तरह दिखता है, और हम इसे दरवाजे पर या प्रवेश के करीब रखने की सलाह देते हैं जिससे ये बाहर से आने वाली सभी चीज़ों को सैनिटाइज़ कर सके। अभी बहुत से ऐसे लोग हैं जो उपयोग करने से पहले सब्जियों आदि को तो गर्म पानी से धोते हैं, लेकिन नोटों या बटुए के साथ ऐसा नहीं किया जा सकता है। इसलिए हमने हर चीज के लिए एक सामान्य स्वच्छता समाधान विकसित किया है।”

टीम की सिफारिश है कि करंसी नोट, सब्जियां, दूध के पैकेट, डिलीवरी के माध्यम से आई कोई भी वस्तु, कलाई घड़ी, पर्स, मोबाइल फोन या किसी भी दस्तावेज को इस्तेमाल करने से पहले ट्रंक में रखा जाना चाहिए। रेखा ने कहा, “यह उपकरण वाटर प्यूरीफायर में उपयोग की जाने वाली पराबैंगनी कीटाणुनाशक विकिरण तकनीक पर आधारित है। हम दृढ़ता से सलाह देते हैं कि ट्रंक के अंदर प्रकाश को सीधे न देखें क्योंकि यह हानिकारक हो सकता है।”

सबसे ज्‍यादा पढ़ी गई



Source link