राज्य सरकारें अपने यहां सातवें वेतन आयोग के मुताबिक कर्मचारियों की सैलरी कर रही हैं। वैसे तो ज्यादातर विभागों में लागू हो गया है। जिनमें लागू नहीं हुआ है उनमें किया जा रहा है। इसके तहत अब यूपी कैबिनेट में एक फैसला लिया गया है। कि प्राविधिक शिक्षा विभाग के डिप्लोमा सेक्टर के अतर्गत आने वाली संस्थाओं में ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) के विनियम 2019 को तीन मई 2018 से लागू करने का फैसला किया है। इससे इन संस्थाओं के शिक्षकों को सातवें वेतनमान का लाभ मिलने का रास्ता साफ हो गया है।

एआईसीटीई के रेगुलेशन 2019 को प्रदेश के राजकीय एवं सहायता प्राप्त पॉलीटेक्निक संस्थाओं में शिक्षकों समेत दूसरे स्टाफ जैसे लाइब्रेरियन आदि पर लागू किया जाएगा। इन संस्थाओं में तीन मई 2018 के आदेश द्वारा शिक्षकों एवं अन्य पदों की शैक्षिक अर्हता एवं वेतनमान आदि का निर्धारण एआईसीटीई के विनियम 2010 के अनुसार किया गया था। एआईसीटीई के विनियम 2019 को लागू करने के बाद राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थाओं में मौजूद पदों के सापेक्ष भरे पदों पर वेतन-भत्ते के मद में कुल 20.64 करोड़ तथा सहायता प्राप्त पॉलीटेक्निक संस्थाओं के कर्मियों के लिए 2.96 करोड़ रुपये सालाना अतिरिक्त खर्च आएगा।

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आपको बता दें कि सातवें वेतन आयोग के मुताबिक केंद्रीय कर्मचारियों को मिलने वाले ट्रांसपोर्ट अलाउंस के लिए शहरों की अलग अलग कैटेगरी बनाई गई हैं। 19 शहरों को A कैटिगरी में डाला गया है। इन शहरों में दिल्ली, अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नै, कोयंबटूर, गाजियाबाद, ग्रेटर मुंबई, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, कानपुर, कोच्चि, कोलकाता, कोझीकोडस, लखनऊ, नागपुर, पटना, पुणे और सूरत शहर शामिल हैं। इनके अलावा बाकी शहरों को अलग अलग कैटेगरी में डाला गया है।

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