महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहीं यौन हिंसाओं में नाबालिगों के शामिल होने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। मनोवैज्ञानिक पॉर्न वेबसाइट्स को इसकी एक बड़ी वजह मानते हैं। इस बात को ध्‍यान मे रखते हुए बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को कहा कि राज्‍य में बच्चों को पॉर्न वेबसाइट्स से दूर रहना सिखाया जाएगा। उन्होंने कहा कि पॉर्न देखने की प्रवृत्ति महिलाओं के खिलाफ अपराध का एक प्रमुख कारण है। ऐसे में बच्‍चों को इस बुराई से दूर रखना जरूरी है।

उन्होंने कहा कि जागरूकता अभियान ‘उन्‍नयन स्‍कीम’ के तहत यह पाठ बच्‍चों को पठाया जाएगा। यह स्‍कीम पहले से ही बिहार भर में राज्य के स्कूलों में काम कर रही है जिसे 05 सितंबर 2019 को पूरे राज्‍य में लागू किया गया था। उन्नयन स्कीम के तहत बिहार के सरकारी स्कूलों में ‘अपना मोबाइल अपना विद्यालय’ की तर्ज पर 9वीं और 10वीं के छात्र-छात्राओं की ‘स्मार्ट क्लास’ चलाई जाती है। इसके तहत बच्‍चों को टीवी, मोबाइल एप्‍प, डीटीएच के जरिए पढ़ाया जाता है। टीवी, इनवर्टर और पेन ड्राइव आदि खरीदने के लिए प्रत्‍येक स्‍कूल को 90 हजार रुपए का बजट भी दिया जाता है।

सोमवार को राज्य विधानमंडल के संयुक्त सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए उन्होंने इस विषय पर चर्चा की। उन्‍होनें कहा, “खतरनाक, अश्लील सामग्री दुनिया भर में पोर्न साइटों पर देखी जा रही है। लोग मोबाइल पर अश्लील चीजें देख रहे हैं। हम पोर्न साइट्स के खिलाफ हैं और इस पर पूर्णत: प्रतिबंध के लिए केंद्र को लिख चुके हैं।

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